मैं कौन हूँ?
मैं कौन हूँ?
यह प्रश्न जितना सरल लगता है, उतना ही गहरा और रहस्यमय है।
शरीर नहीं, नाम नहीं, पद नहीं, न ही यह संसारिक पहचान।
मैं वह हूँ जो इन सबसे परे है – एक चेतना, एक ज्योति, एक यात्रा जो माँ काली की कृपा से जाग रही है।
जीवन की आपाधापी में जब सब कुछ खोता सा लगने लगे,
तब भीतर एक मौन स्वर गूंजता है –
"डर मत, मैं तेरे साथ हूँ।"
यह स्वर किसी और का नहीं, स्वयं माँ काली का होता है।
जब संसार ने पीठ दिखाई, जब अपनों ने पराया किया,
तब माँ काली ने आंचल फैलाकर अपनी गोद में शरण दी।
मैं कौन हूँ?
मैं एक साधक हूँ – जो हर अंधकार में माँ का प्रकाश ढूंढता है।
मैं एक पथिक हूँ – जो संसार के बंधनों से मुक्त होकर आत्मा की ओर लौट रहा है।
मैं एक बच्चा हूँ – जो माँ काली की गोद में विश्राम पा रहा है।
माँ काली की कृपा से मुझे अपने अस्तित्व का बोध हुआ।
अब जीवन केवल जीना नहीं है – अब जीवन एक साधना है, एक अर्पण है, एक समर्पण है।
जहाँ हर क्षण माँ का नाम है, हर सांस में माँ का स्मरण है।
"काली कृपा" केवल एक ब्लॉग नहीं,
यह एक आंतरिक यात्रा है –
जहाँ शब्द नहीं, अनुभूति बोलती है।
जहाँ तर्क नहीं, श्रद्धा मार्गदर्शक है।
जहाँ अंत नहीं, केवल अनंत है – माँ काली का अनंत प्रेम, अनंत संरक्षण।
तो मैं कौन हूँ?
मैं वही हूँ जो माँ काली की कृपा से है।
और आप?
शायद आप भी इसी यात्रा पर हैं...
स्वयं को खोजने की, माँ में विलीन होने की
आप किसी भी देवी / देवता की पूजा करते हो ये जो यहाँ लिखा है आपको पूरा लाभ देगा, आपके जो इष्ट हैं जिनका आप ध्यान करते हैं वो मेरी प्रार्थनाओं में पूजा 99 % शामिल होंगे ..
- दश महाविद्या
- 64 योगिनियाँ
- 52 शक्तिपीठ
- पितृ
- पूर्वज
- कुल देवी
- परम आनंद श्री हरि ठाकुर जी महाराज
- आदि गुरु शिव शंभु
- सर्जक -श्री ब्रह्मा
- सहायक शक्तियाँ
- मुख्य शक्तियाँ
- रक्षक
- द्वारपाल
- गण
- दूत
- सेवक ....