Monday, June 2, 2025

मैं कौन हूँ?

                                                                      मैं कौन हूँ?


मैं कौन हूँ?

यह प्रश्न जितना सरल लगता है, उतना ही गहरा और रहस्यमय है।

शरीर नहीं, नाम नहीं, पद नहीं, न ही यह संसारिक पहचान।

मैं वह हूँ जो इन सबसे परे है – एक चेतना, एक ज्योति, एक यात्रा जो माँ काली की कृपा से जाग रही है।


जीवन की आपाधापी में जब सब कुछ खोता सा लगने लगे,

तब भीतर एक मौन स्वर गूंजता है –

"डर मत, मैं तेरे साथ हूँ।"

यह स्वर किसी और का नहीं, स्वयं माँ काली का होता है।

जब संसार ने पीठ दिखाई, जब अपनों ने पराया किया,

तब माँ काली ने आंचल फैलाकर अपनी गोद में शरण दी।


मैं कौन हूँ?

मैं एक साधक हूँ – जो हर अंधकार में माँ का प्रकाश ढूंढता है।

मैं एक पथिक हूँ – जो संसार के बंधनों से मुक्त होकर आत्मा की ओर लौट रहा है।

मैं एक बच्चा हूँ – जो माँ काली की गोद में विश्राम पा रहा है।


माँ काली की कृपा से मुझे अपने अस्तित्व का बोध हुआ।

अब जीवन केवल जीना नहीं है – अब जीवन एक साधना है, एक अर्पण है, एक समर्पण है।

जहाँ हर क्षण माँ का नाम है, हर सांस में माँ का स्मरण है।


"काली कृपा" केवल एक ब्लॉग नहीं,

यह एक आंतरिक यात्रा है –

जहाँ शब्द नहीं, अनुभूति बोलती है।

जहाँ तर्क नहीं, श्रद्धा मार्गदर्शक है।

जहाँ अंत नहीं, केवल अनंत है – माँ काली का अनंत प्रेम, अनंत संरक्षण।


तो मैं कौन हूँ?

मैं वही हूँ जो माँ काली की कृपा से है।

और आप?

शायद आप भी इसी यात्रा पर हैं...

स्वयं को खोजने की, माँ में विलीन होने की

आप किसी भी देवी / देवता की पूजा करते हो ये जो यहाँ लिखा है आपको पूरा लाभ देगा, आपके जो इष्ट हैं जिनका आप ध्यान करते हैं वो मेरी प्रार्थनाओं में पूजा 99 % शामिल होंगे ..

  1. दश महाविद्या
  2. 64 योगिनियाँ
  3. 52 शक्तिपीठ
  4. पितृ
  5. पूर्वज
  6. कुल देवी
  7. परम आनंद श्री हरि ठाकुर जी महाराज
  8. आदि गुरु शिव शंभु
  9. सर्जक -श्री ब्रह्मा
  10. सहायक शक्तियाँ
  11. मुख्य शक्तियाँ
  12. रक्षक
  13. द्वारपाल
  14. गण
  15. दूत
  16. सेवक ....
मैं केवल सात्विक शक्तियों की बात कर रहा हूँ ... नकारात्मक ऊर्जा से मेरा दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है .... न मैं उनके बारे में बताना चाहूँगा कभी भी न मैं आपको सलाह दूँगा कि आप उन्हें जानें लेकिन मैंने जरूर .... क्योंकि संतुलन के लिए अच्छाई और बुराई दोनों जरूरी हैं ..... यह आपकी आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत है शुभकामनाएँ .... जय श्री काली .... यहाँ पर आप मानेंगे तो सीखेंगे यही विधान है, आप अनुभव कीजिए तभी आगे बढ़िए क्योंकि आज्ञा का उल्लंघन या मनमानी आचरण आपको बैकफुट पर ले जा सकते हैं कभी-कभी परेशानी ही बढ़ा सकते हैं, हालाँकि याद मत भूलिए परमात्मा सिर्फ सिखाता है खत्म नहीं करता, सज़ा भी देता है लेकिन जन पर बन आए ऐसा कुछ भी नहीं है। आपको डरने की कोई आवश्यकता नहीं है लेकिन गलती हो जाने पर क्षमा मांगना आपकी आदत हो जानी चाहिए और हर गलती से सीख लेकर आगे बढ़ना चाहिए ....ARE YOU READY TO BE



Friday, May 30, 2025

परिचय

 
          ॐ श्री गणेशाय नमः

काली कृपा में आपका स्वागत है श्री राम के साथ,एक पवित्र स्थान जिसे भीतर की रोशनी को जागृत करने के लिए बनाया गया है — वह दिव्य आत्मा जो हम में से प्रत्येक में निवास करती है।यह ब्लॉग भक्ति, मंत्र जप, ध्यान, और
आंतरिक आध्यात्मिक जागरण के कालातीत पथ को समर्पित है।यहाँ, आपको मिलेगा: प्राचीन मंत्रों के अर्थ और सही उच्चारण के साथ शक्तिशाली साधना और ध्यान तकनीकें भक्ति के मार्ग से कहानियाँ, अनुभव, और ज्ञान भारतीय दर्शन, चेतना, और आत्मा पर अंतर्दृष्टियाँ---🔱 हमारा उद्देश्य:> "सत्य की खोज करना, भक्ति का प्रसार करना, और आत्मा की दिव्यता को समझना।"---🧘‍♂ यह स्थान है: उनके लिए जो आध्यात्मिक पथ पर चल रहे हैं शांति, स्पष्टता, और दिव्य के साथ संबंध के खोजियों के लिए काली, राम, शिव, विष्णु के भक्तों के लिए — सर्वोच्च के सभी रूपों में.............

















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